इंडियन पब्लिक सर्विस इंप्लाइज फेडरेशन (IPSEF) की ओर से 14 अगस्त 2020 को देशभर के कर्मचारी अधिकार दिवस के रूप में मनाएंगे, कर्मचारी पब्लिक हेल्थ, पब्लिक एजुकेशन, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, पब्लिक कम्युनिकेशन सिस्टम, पब्लिक वाटर सप्लाई, इलेक्ट्रिक सप्लाई, पब्लिक फूड डिसटीब्यूशन सिस्टम जैसे बुनियादी मुद्दों को अधिकार मानते हैं सरकार द्वारा महंगाई पर रोकथाम की जगह महंगाई भत्ते को रोकना हमारे अधिकारों के खिलाफ है सरकार को महगाई कम करना करनी चाहिए थी जिसमें सरकार असफल रही है। आजादी के 73 साल बाद भी आज तक सरकारी कर्मचारी दूसरे दर्जे के नागरिक बने हुए हैं देश में चाय बनाने वाले को भी राजनीतिक अधिकार है तो सरकारी कर्मचारियों को ट्रेड ट्रेड यूनियन एवं राजनीतिक अधिकारों से वंचित क्यों रखा हुआ है जिसका मुख्य कारण सरकार की सरकार की बहुत सी नीतियों जनमुखी न होने के बारे बावजूद कर्मचारी अपना मुंह नहीं खोल पाते जिसका हाल ही मे चीफ जस्टिस की रिटायरमेंट पर उनका बयान था। आज सुनिश्चित पेंशन, स्कीम/कान्ट्रैक्ट/आउट्सोर्स/सविदा कर्मचारीयो को रेगुलर करने, देश मे एक जैसे वेतनमान की मांग पर राष्टीय वेतन आयोग गठित करने, चुने हुए प्रितिधिनियो के द्वारा खुद कई पेंशन लेना, हेल्थ एजुकेशन, पानी, बिजली, टेलीफोन, रैलवे, समेत विभिन्न विभागों को निजी हाथों मे देना का प्रयास यह कह कर हो रहा ही की कर्मचारी काम नहीं करता ये देश की जनता के सामने आ चुका है इस आपदा ने प्राइवेट सेक्टर का चेहरा साफ कार दिया ही की वी इस कठिन दोर मे भी मुनाफे के सिवाय कुछ नजर नहीं या रहा है। हम कर्मचारी से ये भी आह्वान करंगे की आने वाले समय के कर्मचारी-जनता सबसे पहले सरकारी क्षेत्र मे बनी हुए चीज पहले खरीदे उसके न मिलने पर दूसरी खरीदे।
14 अगस्त 2020 आजादी के पूर्व दिवस पर, देशभर के कर्मचारी, सरकारी अपनाने व सविधान के द्वारा दिए गए आधिकरों की मांग करेंगे, जिसमे सरकारी क्षेत्र को मजबूत बनाने एवम् पूरे तरीके से ट्रैड यूनियन एवम् पूरे राजनैतिक आधिकारों की मांग करेंगे।