पाँच साल तक मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले केजरीवाल आज हनुमान
चालीसा का पाठ कर रहे हैं। इससे पहले सालों से वोट बैंक की राजनीति करने वाली
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी यह देश चुनावों के दौरान अपने जनेऊ का
प्रदर्शन करता देख चुका है।
दिल्ली के चुनाव आज देश का सबसे चर्चित मुद्दा हैं। इसे भारतीय राजनीति का दुर्भाग्य कहें या लोकतंत्र का, कि चुनाव दर चुनाव राजनैतिक दलों द्वारा वोट हासिल करने के लिए वोटरों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभन देना तो जैसे चुनाव प्रचार का एक आवश्यक हिस्सा बन गया है। कुछ समय पहले तक चुनावों के दौरान चोरी छुपे शराब और साड़ी अथवा कंबल जैसी वस्तुओं के दम पर अपने पक्ष में मतदान करवाने की दबी छुपी सी अपुष्ट खबरें सामने आती थीं लेकिन अब तो राजनैतिक दल खुल कर अपने संकल्प पत्रों में ही डंके की चोट पर इस काम को अंजाम दे रहे हैं। मुफ्त बिजली पानी की घोषणा के बल पर पिछले विधानसभा चुनावों में अपनी बम्पर जीत से उत्साहित आम आदमी पार्टी अपने उसी पुराने फॉर्मूले को इस बार फिर दोहरा रही है।