वन नेशन वन राशन कार्ड योजना अभी कुछ समय से केंद्रीय सरकार के एजेंडा में है। इस पहल के तहत मार्च 2021 तक हर वह व्यक्ति जिसके पास राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन कार्ड है, वह अपना मासिक राशन देश की किसी भी राशन की दुकान से उठा सकता है। अभी ऐसी व्यक् था कुछ राज्यों में है जहाँ लोग राज्य की किसी भी राशन की दुकान से राशन ले सकते हैं । बाकी राज्यों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलने वाला राशन उसी दुकान से लिया जा सकता है जिससे हितग्राही का राशन कार्ड जुड़ा है। केंद्र सरकार यह दावा कर रही है कि वन नेशन वन राशन कार्ड योजना से राशन लेने की व्यब था सहज हो जाएगी, खासकर कि प्रवासी मजदूरों के लिए, क्योंकि अभी वे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मिलने वाला राशन नहीं ले पाते क्योंकि उनका राशन कार्ड उनके गाँव की राशन दुकान से जुड़ा है
वन नेशन वन राशन कार्ड सार्वभौमिक खाद्य सुरक्षा क्यों नहीं सुनिश्चित करेगा? खाद्य मंत्री वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को राशन संबंधी सब समस्याओं का समाधान बता रहे हैं. पर इस योजना से तो कई नई समस्याएं उत्पन होंगी। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एवं प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना) के तहत उन्ही को राशन मिलता है जिनके पास राशन कार्ड है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश की 67% जनसंख्या को राशन कार्ड दिया जाना है, जबकि अभी केवल 60% जनसंख्या के पास ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन कार्ड है। यह इसलिए हैं क्योंकि राशन कार्ड आवंटित करने के लिए भारत सरकार ने 2011 की जनसंख्या का प्रयोग किया है। 2011 के बाद की जनसंख्या बढ़ौतरी के अनुसार अतिरिक्त राशन कार्ड आवंटित नहीं हुए हैं। और जैसा कि अन्य लक्षित कल्याणकारी योजनाओं में देखा गया है, जन वितरण प्रणाली से भी कई ज़रूरतमंद लोग छूटे हुए हैं। यह विशेष रूप से शहरी क्षेत्रों का अनुभव है, जहां राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत राशन कार्ड की पात्रता के मानदंड स्पष्ट नहीं हैं एवं एक बड़ी जनसंख्या ऐसी है जिनके पास अपने आवास के सत्यापन के लिए आवश्यक दस्तावेज नहीं हैं
वन नेशन वन राशन कार्ड योजना में कई क्रियान्वयन सम्बन्धी मुद्दे भी हैंजैसे कि यह योजना आधार सम्बन्धी बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण पर आश्रित है जो तभी काम करेगा जब देश के सभी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत आने वाले राशन कार्ड आधार से जुड़े हों एवं सभी राशन दुकाने e-POS व्यक् था का इस्तेमाल करें। इसके अलावा अँगुलियों के निशानों का मेल न खाना, e-POS मशीन का काम न करना, अपर्याप्त इन्टरनेट कनेक्टिविटी जैसे मुद्दों के कारण कानूनी अधिकारों से वंचित होने के कई प्रमाण हैं। इसके अलावा, आधार के सम्बन्ध में डेटा की सुरक्षा का भी मुद्दा है