नयी दिल्ली। अगर आप राजधानी दिल्ली में रह रहे हैं और गाड़ी लेकर घर से बाहर निकलने को सोच रहे हैं तो पहले अपने सारे कागजों को जांच लें क्योंकि पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं होने पर आपको 10 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है। दरअसल, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ एक विशेष तरह का जांच अभियान शुरू किया है। जिसके तहत उन वाहनों के चालान काटे गए जिनके पास पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट नहीं थे।
अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि दिल्ली में करीब 40 टीमें तैनात की गई हैं जो पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट की जांच करेंगी और पॉल्यूशन यानी की प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के चालान काटेंगी। उन्होंने बताया कि इन टीमों को उन 13 पॉल्यूशन हॉटस्पॉट वाले इलाकों में फोकस करने को कहा गया है जिसकी पहचान दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने की है। जिनमें आनंद विहार, आरके पुरम, मायापुरी जैसे इलाके शामिल हैं।
दिल्ली परिवहन के अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने परिवहन से दस्तावेजों की वैधता को बढ़ा दिया है जो 1 फरवरी से लेकर 30 सितंबर 2020 तक समाप्त होने वाले हैं। इनमें ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेट, परमिट, रजिस्ट्रेशन इत्यादि शामिल हैं। हालांकि इसमें यह नहीं कहा गया कि पीयूसी सर्टिफिकेट वाले वाहनों को छूट दी जाएगी।
अधिकारी ने आगे कहा कि वाहन मालिकों को यह नहीं सोचना चाहिए कि पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होने पर उन्हें जाने दिया जाएगा। उन्हें अपने वाहनों को नजदीकी पीयूसी केंद्र पर समय से जाकर जांच करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वाहन मालिकों के पास पीयूसी सर्टिफिकेट नहीं होगा तो उन्हें जुर्माना देने के लिए तैयार रहना चाहिए।
नया मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के लागू होने के बाद पीयूसी सर्टिफिकेट के बिना वाहन चलाने पर जुर्माने को 1,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए तक कर दिया गया था। ऐसे में पीयूसी केंद्रों में अचानक से भीड़ लग गई थी।