नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा के खिलाफ याचिका दायर कर उन पर हेट स्पीच का आरोप लगाने वाले हर्ष मंदर खुद अब विवादों पर घिर गए हैं। दूसरों पर भड़काउ बयान देने का आरोप लगाकर अदालत जाने वाले हर्ष मंदर का विवादित विडियो सामने आने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से जहां एक तरफ इंकार कर दिया बल्कि कोर्ट ने उनसे सफाई भी मांगी है। चीफ जस्टिस ने कहा कि याचिकाकर्ता हर्ष मंदर के खिलाफ लगे आरोप बेहद गंभीर हैं। जब तक इन आरोपों पर सफाई नहीं आ जाती, हम मंदर की याचिका पर सुनवाई नहीं करेंगे।
नरेंद्र मोदी और बीजेपी सरकार के मुखर आलोचक रहे हर्ष मंदर का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वो नगारिकता कानून के खिलाफ लोगों को भड़काते नजर आ रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए मंदर कहते हैं, “ये लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में नहीं जीती जाएगी, क्योंकि हमने सुप्रीम कोर्ट को देखा है- एनआरसी के मामले में, कश्मीर के मामले में, अयोध्या के मामले में। उन्होंने (सुप्रीम कोर्ट) इंसानियत, समानता और सेक्युलरिज्म की रक्षा नहीं की है।” वे आगे कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में हम कोशिश जरूर करेंगे। लेकिन इसका फैसला न संसद में होगा, न सुप्रीम कोर्ट में होगा, बल्कि ये फैसला सड़कों पर होगा। बीजेपी के मीडिया सेल के हेड अमित मालवीय ने हर्ष मंदर का यह वीडियो ट्वीट किया है।
अब आपको संक्षिप्त में हर्ष मंदर के बारे में भी बता देते हैं। हर्ष मंदर यूपीए कार्यकाल में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सलाह देने के लिहाज से गठित की गई नेशनल एडवाइजरी काउंसिल के सदस्य रहे हैं। नागरिकता संशोधन बिल जब संसद में आया था तो उन्होंने ऐलान किया था कि यदि यह कानून बना तो वे आधिकारिक रूप से इस्लाम धर्म अपना लेंगे। सरकार द्वारा उनसे कागज की मांग किए जाने पर वो कागज भी नहीं दिखाएंगे। अजमल कसाब और याकूब मेमन जैसे आतंकियों के लिए वे दया याचिका भी दायर कर चुके हैं।