दिल्‍ली हिंसा मामले में पुलिस खंगाल रही सोशल मीडिया, केस दर्ज कर ब्‍लॉक कर रही अकाउंट


नई दिल्‍ली,संवाददाता। दिल्‍ली हिंसा के बाद अब सोशल मीडिया के माध्‍यम से कई वीडियो वायरल किए जा रहे हैं। इनमें कई वीडिया ऐसी आपत्‍तीजनक चीजें दिखा रहे हैं जिससे समाज की एकता को खतरा उत्‍पन्‍न हो रहा है। इसको रोकने के लिए दिल्‍ली पुलिस एक्‍टिव हो गई है। दिल्‍ली पुलिस ने सोशल मीडिया पर उत्तेजक सामग्री पोस्ट करना के मामले में 13 केस दर्ज किया है। यह सभी सोशल मीडिया के प्‍लेटफार्म टविटर, फेसबुक और इंस्‍ट्राग्राम पर आपत्‍तीजनक पोस्‍ट शेयर करने मामले में दर्ज किया गया है। पुलिस ने एक्‍शन लेते हुए कई सोशल मीडिया प्‍लेटफार्म को बंद करते हुए उसे ब्‍लॉक कर दिया गया है। पुलिस ने बताया कि शनिवार को हिंसा से जुड़ी कोई कॉल नहीं मिली है। कुल 167 एफआइआर दर्ज किए गए हैं जिसमें 36 केस सिर्फ आर्म्‍स एक्‍ट के अंदर दर्ज किए गए हैं। दिल्‍ली हिंसा मामले में कुल 885 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।


दोपहर को ग्रहण किया अतिरिक्‍त पदभार


इधर, यूनियन टेरिटरी (यूटी) कैडर के 1985 बैच के वरिष्ठ आइपीएस सच्चिदानंद (एसएन) श्रीवास्तव ने शनिवार दोपहर दिल्ली पुलिस आयुक्त का अतिरिक्त पदभार संभाल लिया। उत्तर-पूर्वी जिले में हो रहे भीषण दंगे पर त्वरित नियंत्रण के लिए गृहमंत्रालय ने प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफ में तैनात एसएन श्रीवास्तव को गत 25 फरवरी को वापस दिल्ली पुलिस में लाकर वरिष्ठ विशेष आयुक्त कानून एवं व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी थी। शनिवार को अमूल्य पटनायक के सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने आयुक्त का भी अतिरिक्त पदभार संभाल लिया।


शांति व्यवस्था बनाए रखना अपनी पहली प्राथमिकता


कार्यभार संभालते ही एसएन श्रीवास्तव ने मीडिया को दिए बयान में शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखना अपनी पहली प्राथमिकता बताया। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास रहेगा कि दिल्ली में पूरी तरह सांप्रदायिक सदभाव बनी रहे। दिल्ली की विशेषता रही है कि यहां सभी सांप्रदाय के लोग मिलजुल कर एकसाथ रहते आए हैं।


पुलिस को करें हर संभव मदद


लोगों में एकता रहे इस दिशा में पुलिस ने पहले भी काफी काम किया है। आगे भी कई काम किए जाने हैं। इसके लिए उन्होंने लोगों से अपील की कि वे पुलिस की हरसंभव मदद करें। उत्तर-पूर्वी जिले में हुई हिंसा के मामले में आयुक्त ने कहा कि क्राइम ब्रांच की एसआइटी गंभीरता से इसकी जांच कर रही है। किसी भी दंगाई को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस का पूरा ध्यान हिंसा प्रभावित जिले पर है। वहीं दोबारा से किसी भी सूरत में स्थिति बिगडऩे नहीं दी जाएगी।