फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में रखने का मुद्दा लोकसभा में उठा, विपक्षी दलों का वॉकआउट

 



नयी दिल्ली। लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस के सदस्यों ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू होने के बाद से जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और लोकसभा सदस्य फारूक अब्दुल्ला को हिरासत में रखे जाने का मुद्दा उठाया। सरकार की ओर से कोई आश्वासन नहीं मिलने का जिक्र करते हुए कांग्रेस एवं कुछ अन्य विपक्षी दलों ने सदन से वाकआउट किया। शून्यकाल में कांग्रेस सदस्य के. सुरेश ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि जम्मू कश्मीर में छह महीने पहले अनुच्छेद 370 को समाप्त किया गया था और तब से ही इस सदन के बुजुर्ग सदस्य फारूक अब्दुल्ला, उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला और अन्य नेताओं को हिरासत में रखा गया है। सुरेश ने कहा कि नेशनल कान्फ्रेंस नेता अब्दुल्ला पिछले तीन सत्र से संसद में नहीं आ पाए हैं। सदन की जिम्मेदारी है कि उनके यहां उपस्थिति के अधिकार को सुनिश्चित किया जाए।



 





 




लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस बीच शून्यकाल में विषय उठाने के लिए एक अन्य सदस्य का नाम लिया। सुरेश ने आगे बोलने की अनुमति मांगी और उन्हें आसन से अनुमति नहीं मिलने पर कांग्रेस के साथ ही नेशनल कान्फ्रेंस, माकपा और द्रमुक के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। सुरेश अपनी सीट से ही खड़े होकर आसन से बात पूरी करने की अनुमति मांगते रहे। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ने अन्य सदस्यों को उनकी बात रखने का मौका दिया और शोर-शराबे के बीच ही विभिन्न सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्रों से संबंधित महत्वपूर्ण विषय उठाए। इसके बाद कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जम्मू कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्री पिछले छह महीने से हिरासत में हैं और यह ‘अवैध’ है। हमारे विरोध प्रदर्शन के बाद भी सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही अत: हम सदन से वाकआउट कर रहे हैं। इसके बाद कांग्रेस, द्रमुक, राकांपा और वाम दलों के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।

 

 

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में भी इस सदन के बुजुर्ग सदस्य फारूक अब्दुल्ला के हिरासत में रहने के मद्देनजर उनकी सेहत, उनकी आयु पर चर्चा हुई थी। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष बिरला के माध्यम से अनुरोध किया कि सरकार अब्दुल्ला की सेहत के बारे में सदन को जानकारी दे ताकि मुख्य विपक्षी दल (कांग्रेस) को इस विषय पर वाकआउट का मौका नहीं मिले। इससे पहले विपक्षी सदस्यों के आसन के समीप प्रदर्शन के दौरान अध्यक्ष ने कांग्रेस के विष्णु प्रसाद का नाम लिया और प्रसाद ने अपनी बात कहनी शुरू कर दी। हालांकि प्रदर्शन कर रहे सदस्यों के इशारे के बाद उन्होंने अपनी बात बीच में ही रोक दी। अध्यक्ष बिरला ने कहा, ‘‘आपके सदस्य ही बोलने नहीं दे रहे।’’ इसके बाद स्पीकर ने नारेबाजी में शामिल कांग्रेस सदस्य राम्या हरिदास का नाम लेते हुए कहा कि आप अपनी सीट पर जाकर महत्वपूर्ण विषय उठाएं। राम्या हरिदास ने भी अपना विषय नहीं उठाया और आसन के समीप प्रदर्शन में शामिल रहीं। हालांकि तेलंगाना से कांग्रेस के सांसद के आर वेंकट रेड्डी ने प्रदर्शन के दौरान ही अपना विषय उठाया।