रूद्रप्रयाग 11 फरवरी, 2020 (सू0वि0)
पंचायती राज विभाग द्वारा नव निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को एक दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया गया। ब्लाॅक सभागार में आयोजित प्रशिक्षण में ब्लाॅक के 64 प्रधानों, 15 क्षेत्र पंचायत सदस्यों के अलावा मनरेगा सहायक, ग्राम विकास अधिकारी एवं ग्राम पंचायत अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने प्रधानों को ग्राम विकास का माॅडल समझाते हुए कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतारने में प्रधानों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्हें अपने गांव के विकास के लिए सकारात्मक सोच के साथ आगे आना होगा। उन्होंने गांव के विकास में प्रधान द्वारा आवश्यक कार्यों को विस्तार से बताया। कहा कि दिक्कते कई हैं परन्तु पारदर्शिता से कार्य किया जाय तो आरोप कम लगेंगे। खुली बैठक की सूचना आवश्यक रूप से सभी ग्रामीणों को दी जाय। खुली बैठक में पारदर्शी तरीके से बजट को रख कर योजनाओं का चयन किया जाय। ग्राम विकास के लिए जरूरी है कि मनरेगा के बारे में पूरी जानकारी हो। इसके लिए प्रधानों को मनरेगा के अन्तर्गत गांव में होने वाले कार्यों की लिमिट का ज्ञान होना आवश्यक है। जिसमें 60ः40 के अनुपात में मजदूरी एवं सामाग्री पर व्यय किया जाना आवश्यक है। मनरेगा के अन्तर्गत कुल 260 प्रकार के कार्यों को किया जा सकता है। अतः योजनाओं को सही प्रकार से चुने। कहा कि स्कूल एवं आंगनवाड़ी केन्द्रों को उत्कृष्ठ बनाने पर पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी प्रेरित करने का आह्वान किया।
मुख्य विकास अधिकारी एसएस चैहान ने सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न विकास एवं जनहितकारी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। प्रशिक्षण में जिला विकास अधिकारी मनवेन्द्र कौर, सहायक विकस अधिकारी रमेश कुमार, खण्ड विकास अधिकारी सीपी सेमवाल, एडीपीआरओ बुद्धिपाल रावत, एडीओ उद्यान दिग्पाल नेगी आदि थे। संचालन किशन रावत ने किया।