मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बिडला परिसर में आयोजित छात्र संघ समारोह के उद्घाटन में बतौर मुख्य अतिथि


सूचना/पौड़ी/दिनांक 08 फरवरी, 2020
प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आज जनपद पौड़ी के तहसील श्रीनगर के गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के बिडला परिसर में आयोजित छात्र संघ समारोह के उद्घाटन में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत किया। उन्होंने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम उन्होंने छात्र संघ के पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के छात्रों की स्टेडियम निर्माण, एनएसएस की सहायता राशि को बढ़ाकर करीब 50 लाख करने, समय-समय पर श्रीनगर में रोजगार मेला आदि संचालित करने आदि की मांग की गई है। जिस पर मा. मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यद्यपि केंद्रीय विश्वविद्यालय होने के नाते सभी मांगे पूरी करना केन्द्र की जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने बच्चों की कुछ मांगों को राज्य सरकार द्वारा ही पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके अलावा रोजगार मेले के सन्दर्भ में उन्होंने कहा कि इसे पहले ही स्वीकृत कर दिया गया है। जिसकी तर्ज पर श्रीनगर में रोजगार मेला आगामी 20 फरवरी, 2020 को आयोजित किया जा रहा है।
उन्होंने क्षेत्रीय विधायक और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. धन सिंह रावत की ओर से शिक्षा के क्षेत्र में किये गये कार्यों की सराहना की। मा0 मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा मंत्री डा0 रावत को बधाई देते हुए कहा कि  प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता में काफी इजाफा हुआ है। चाहे वह विद्यालयों को चटाई मुक्त करने संबंधी हो या फिर विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज संचालित करने को लेकर हों। यहां तक कि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में एकसाथ छात्र संघ के चुनाव भी सम्पन्न किये जा रहे हैं। जिसमें कई महीने खर्च होते थे साथ ही विद्यार्थियों का पठन पाठन भी प्रभावित होता था।
छात्रों को सम्बोधित करते हुए मा0 मुख्यमंत्री ने देवभूमि उत्तराखंड को प्रकृति से प्राप्त संसाधनों का उचित दोहन करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश जिले पर्वतीय हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में रोजगार के लिए कारखाने स्थापित करना काफी चुनौतियांे से भरा है। लेकिन सही नीति और युवाओं की जागरूकता से उत्तराखंड की भौगोलिक बनावट के आधार पर प्रकृति के अनुरूप रोजगार स्थापित किये जा सकते हैं। उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने कहा कि विश्व के बाजार में दो रेशों की सर्वाधिक मांग है। जिसे हैम्प (भांग) और (नेटल) कंडाली के नाम से जाना जाता है। कहा कि ये दोनों ही उत्तराखंड में बहुतायत में उत्पादित किया जा सकता है। साथ ही कहा कि कंडाली तो उत्तराखंड के घर गांव में खेत खलिहानों में अच्छादित है। इन दोनों पौधों में कई औषधीय गुण भी विद्यामान हैं। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक आधारित शोध पर जो भांग नशे के लिए इस्तेमाल नहीं होती वह उत्तम गुणांें से युक्त रेशा होता है। इसके लिए पिथौरागढ़ जनपद की जलवायु काफी अच्छी है। उन्होंने कहा कि इस पर अभी और शोध की सम्भावना है। यही नहीं भांग के रेशों से करीब 527 प्रकार के उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। यहां कि कैंसर जैसे असाध्य रोगों में भी यह रामबाण औषधी बनाई जा रही है।
उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि राज्य में गत वर्ष ही सरकार ने सी-पैड नाम से एक संस्थान को स्थापित किया है। जिसमें तीन सौ प्रतिशत रोजगार की गारंटी है। यह संस्थान युवाओं को तीन-तीन महीने का प्रशिक्षण देकर रोजगार के क्षेत्र के लिए तैयार कर रहा है। प्लास्टिक इंजीनियरिंग पर आधारित यह संस्थान युवाओं को करीब 18 से लेकर 30 हजार प्रतिमाह का रोजगार मुहैया करवा रहा है। इसके अलावा  पर्वतीय जिलों में पर्यटन आधारित व्यवसाय स्थापित कर सकते हैं। होमस्टे की तर्ज पर राज्य सरकार पर्यटन के क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षित कर रही है। उन्होंने उत्तराखंड में प्रकृति आधारित स्वरोजगार की अपार सम्भावनाओं पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में सरकार यूरोपीय देशों की तर्ज पर सर्दी में भी टूरिज्म इंडस्ट्री को वैज्ञानिक तरीके से स्थापित करने पर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हर प्रकार से उत्तराखंड को सम्पन्न किया है। यहां पर विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों से लेकर विश्वस्तरीय पर्यटक स्थल आदि मौजूद हैं। यहां तक कि विश्व में बेहतरीन बायोडाइवर्सिटी के लिए भी उत्तराखंड की ओर विश्व की नजर है। कहा कि उत्तराखंड राज्य का भविष्य बेहद उज्जवल होने वाला है।
समारोह में पर्यटन एवं तीर्थाटन मंत्री सतपाल महाराज और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा0 धन सिंह रावत ने भी विद्यार्थियों को सम्बोधित किया। काबीना मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में कई उत्कृष्ट कार्य किये जा रहे हैं। इसी तर्ज पर औली में स्कीईंग प्रतियोगिता भी आयोजित की जा रही है। जिससे कि राज्य में विंटर डेस्टीनेशन को भी स्थापित किया जा सकेगा। यही नहीं धार्मिक क्षेत्र में भी गढ़वाल और कुमांऊ के एक-एक दर्जन भगवती मंदिर समूहों को जोड़कर धार्मिक सर्किट विकसित किया जा रहा है।
क्षेत्रीय विधायक व उच्च शिक्षा मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने कहा कि एनआईटी के लिए  25 करोड़ तथा एनआईटी के विद्युत संयंत्र के लिए भी अलग से 10 करोड़ की धनराशि दी जाएगी। कहा कि एनआईटी के पास ही 54 करोड़ की लागत से एक बस स्टेशन व दो थिएटर भी बनायें जाएंगे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही चैरास में 30 करोड़ की लागत से स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा।
 इस अवसर पर जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह कुंवर, कुल सचिव ए.के झा, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो0 पीएस राणा, एनएसएस समन्वयक प्रो0 ओके बेलवाल, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, एसडीएम श्रीनगर डी.एस. नेगी, चैब्ट्टाखाल मनीष सिंह, तसहीलदार श्रीनगर सुनील राज, बिडला परिसर के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष एसएन भंडारी छात्र संघ अध्यक्ष अंकित रावत, महासचिव प्रदीप सिंह रावत, उपाध्यक्ष अनमोल भंडारी, सहसचिव अंकित सहित छात्र-छात्राएं आदि मौजूद रहे।
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कार्यक्रम के उपरान्त मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत श्रीनगर श्रीकोट स्थित वीर चंद्रसिंह गढ़वाली राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान पहंुचे। जहां मा0 मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज तथा उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने 16 करोड़ की लागत से निर्मित 750 सीट के आॅडिटोरियम का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने बेस अस्पताल में तीमारदारों के लिए रैन बसेरा निर्माण हेतु धनराशि देने की घोषणा की। इसके  लिए मा0 मुख्यमंत्री ने मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो0 सी.एम रावत को डीपीआर तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रेक्षागृह का निर्माण वर्ष 2006 से चल रहा था, जो कि अब जाकर पूरा हुआ। इसके निर्माण में करीब 14 साल लग गए, इस बीच कई सरकारें बदल गई। किसी भी योजना के लिए एकमुश्त बजट दिया जाना चाहिए। जिससे निर्माण समय पर पूरा हो और उसका फायदा आम लोगों को मिल सके। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा रूट के लिए यह क्षेत्र काफी अहम है। मेडिकल काॅलेज में एमबीबीएस की 125 सीटों को बढ़ाकर 150 किया गया है। उन्होंने कि वर्तमान में प्रदेश के 8 जिला अस्पतालों में आईसीयू स्थापित किए गए हैं। बाकी जिलों में इस साल बनायें जाएंगे। शीघ्र ही जनपदों में आपातकालीन सेवा के लिए 20 वाहन दिए जाएंगे। अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में इस साल से एमबीबीएस शुरू करने की कोशिश है। दूरस्थ क्षेत्रों में 10 किलोमीटर की परिधि में कोई न कोई चिकित्सीय सुविधा मिल सके यह सरकार का लक्ष्य है।
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में जल्दी आधुनिकतम सीटी स्कैन मशीन आने वाली है। यहां ट्रामा और कैंसर सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव है। कहा कि मेडिकल कालेज श्रीनगर में 16 करोड़ की लागत से आॅडिटोरियम का निर्माण किया गया है।
इस अवसर पर इस अवसर पर राज्य सिंचाई सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष अतर सिंह असवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष संपत सिंह रावत, मंडल अध्यक्ष गिरीश पैन्यूली, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिलीप सिंह कुंवर, जिला विकास अधिकारी वेद प्रकाश, एसडीएम श्रीनगर डी.एस. नेगी, चैब्ट्टाखाल मनीष सिंह, तसहीलदार श्रीनगर सुनील राज, मेडिकल काॅलेज के अधिकारी/कर्मचारी आदि मौजूद रहे।