केंद्र ने राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी की याचिका का विरोध किया


चेन्नई। केंद्र ने बृहस्पतिवार को मद्रास उच्च न्यायालय में अपने इस रुख को दोहराया कि राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों को उनकी सहमति के बिना मुक्त नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही केंद्र ने कहा कि दोषियों की समय से पहले रिहाई के लिए तमिलनाडु मंत्रिमंडल की सिफारिश का  शून्य  प्रभाव होगा।



 


न्यायमूर्ति आर सुब्बैया और न्यायमूर्ति आर पोंगियाप्पन की पीठ के समक्ष अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल (एएसजी) जी राजगोपालन ने ये दलीलें दीं। अदालत आजीवन सजा पाने वाले सात दोषियों में एक नलिनी की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसने अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी घोषित करने की मांग की थी।

 

 

पीठ ने सभी पक्षों की दलीलों पर गौर किया और इस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा। एएसजी ने नलिनी की याचिका का विरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला दिया और कहा कि जब तक राज्यपाल के नाम पर कोई आदेश नहीं होगा, यह गिरफ्तारी गैरकानूनी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा पारित प्रस्ताव आदेश (रिहाई के लिए) नहीं है।