184 स्वयं सहायता स्वयं समूह एवं किसानों को 02 करोड़ 05 लाख के ऋण चैक वितरित किये गये

 



सूचना/पौड़ी/दिनांक 04 फरवरी, 2020
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक नाबार्ड द्वारा आज चैहान होटल, सतपुली में ऋण वितरण समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में विकासखंड कोट, कल्जीखाल, द्वारीखाल, जयहरीखाल तथा एकेश्वर के 184 स्वयं सहायता स्वयं समूह एवं किसानों को 02 करोड़ 05 लाख के ऋण चैक वितरित किये गये। इस मौके पर लाभार्थियों को किसान क्रेडिट कार्ड, दीनदयाल उपाध्याय आजीविका कार्ड वितरित किये गये तथा नाबार्ड द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की भी तकनीकी जानकारियां दी गई।
इस अवसर पर जिलाधिकारी श्री धीराज सिंह गर्ब्याल ने नाबार्ड की योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि नाबार्ड हमारे देश के ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की उन्नति के लिए उल्लेखनीय कार्य करता है। कहा कि करीब सौ से अधिक ग्राम पंचायतों को भैरवघाटी पंपिंग योजना से लाभांवित करने का कार्य भी नाबार्ड द्वारा ही किया गया है। कहा कि जनपद की 05 पम्पिंग योजना और बनाई जा रही है, उनमें भी नाबार्ड की अहम भूमिका/सहयोग रहेगा। लगभग सवा सौ करोड़ की धनराशि से भी जनपद में किसानों के विकास के लिए कार्य किये जा रहे हैं। जनपद में पंजीकृत 47 स्वयं सहायता समूहों की ओर से बैंकों से सहायता स्वरूप ऋण लिया जा रहा है। कहा कि किसानों व स्वयं सहायता समूहों का ऋण लेना अधिकार है और ऋण देना बैंकों का कत्र्तव्य। उन्होंने बैंकों और स्वयं सहायता समूह को एक साथ बैठक कर शंकाओं का समाधान करने को कहा। कहा कि शंकाओं के समाधान के बिना विकास नही हो सकता है। उन्होंने स्वयं सहायता समूहों से कहा कि अपने-अपने क्षेत्र में पर्याप्त सम्भावनाओं को खोज कर कार्य करें, जिससे स्वरोजगार एवं आर्थिकी के साथ-साथ टूरिज्म को भी बढ़ावा मिले। कहा कि जनपद में 56 हजार किसानों के किसान क्रेडिट कार्ड (ज्ञब्ब्द्ध रजिस्टर हैं। कहा कि जनपद के कई ब्लाक में पर्यटन की सम्भावनाएं अधिक है, इस क्षेत्र में टूरिज्म को बढ़ाने के लिए होम स्टे को बढ़ावा देकर कृषि, पशुपालन, डेरी, पोटरी आदि से जोड़कर कार्य करंे। उन्होंने कहा कि पूरे जनपद में ऋण मेले चलाये जा रहे हैं, जिनमंे किसान के्रडिट कार्ड (ज्ञब्ब्) जारी किये जा रहे है। उन्होंने केश के्रडिट कार्ड (ब्ब्स्) और किसान के्रडिट कार्ड (ज्ञब्ब्) का अधिक से अधिक लाभ उठाने को कहा। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद में पशुपालकों की आजीविका को और बेहतर करने के लिए पशुपालन के क्षेत्र में सामुहिक कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा दिया जा रहा है। कहा कि फ्लोरीकल्चर को भी बढ़ावा दिया जायेगा। कहा कि कृषि के क्षेत्र में स्थानीय स्तर पर अनाज की खरीददारी के लिए क्रय केन्द्र खोले गये हैं, ताकि उत्पादकता को बढ़ाया जा सके। उन्होंने युवाओं, किसानों और स्वयं सहायता समूहों से अधिक से अधिक ऋण लेने का आव्हान किया। कहा कि बैंक ऋण से उपभोक्ता कतई न खबरायें बल्कि सही क्षेत्र में इसका इस्तेमाल करें। उन्होंने कहा कि ऋण लेने के साथ-साथ इसे समय पर अदा करना सबसे अहम है।
उन्होंने लोगों से स्वरोजगार के संयंत्रों को स्थापित करने पर जोर दिया। कहा कि इसके लिए एनआरएलएम द्वारा हर प्रकार की सहायता मुहैया कराई जा रही है। इस मौके पर जिलाधिकारी ने दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के द्वारा समूह बनाकर भी लाभ अर्जित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि डेरी उत्पादन के क्षेत्र में भी सम्भावनाएं काफी अधिक हैं और यूुवा इससे अच्छी आजीविका अर्जित कर सकता है। उन्होंने कहा कि डेरी उत्पादन के क्षेत्र को भी केसीसी में जोड़ दिया गया है। कहा कि उद्यान के क्षेत्र में पौड़ी जनपद ने काफी उत्कृष्ट कार्य किया है। कहा कि पौड़ी जनपद प्रदेश का पहला ऐसा जनपद बनने जा रहा है। जिसकी अपनी स्वयं की नर्सरी होगी। उन्होंने कहा कि यहां के किसानों को बेहतर पौधे देने के लिए हर साल 15-15 हजार पौधों की नर्सरी नैनीडांडा ब्लाक में बनाई जा रही है। साथ ही कृषि के क्षेत्र में भी पूरे प्रदेश में पौड़ी ने बेहतर प्रदर्शन किया हैं।
यहां का मंडवा, झंगोरा, रामदाना आदि उत्पादों को प्रदेश स्तर पर खूब खरीदा जा रहा है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर बताया गया कि जिला सहकारी बैंक द्वारा छः-छः प्रगतिशील काश्तकारों को पचास हजार और एक लाख रूपये का ऋण वितरित किये गये। जबकि उत्तराखंड ग्रामीण बैंक शाखा गुमखाल द्वारा 11 स्वयं सहायता समूहों को एक-एक लाख के ऋण वितरित किये गये । वहीं जिला सहकारी बैंक नौगांवखाल द्वारा पांच स्वयं सहायता समूहों को एक-एक लाख व छः समूहों को पचास-पचास हजार का ऋण मुहैया कराया गया। जिला सहकारिता समिति मथाणा द्वारा तीन स्वयं सहायता समूहों को पांच-पांच व अन्य तीन समूहों को एक-एक लाख का ऋण उपलब्ध कराया गया। जबकि जिला सहकारिता बैंक समिति कोटा ने पांच-पांच लाख के दो ऋण, मजगांव ने पांच लाख का एक, गडोली समिति ने एक लाख का एक, एकेश्वर समिति ने एक लाख के दो ऋण मुहैया कराये।
नाबार्ड मुख्य महाप्रबन्धक सुनील चावला ने लोगों को बैंक द्वारा मुहैया करायी जाने वाली विभिन्न योजनाओं की बिन्दुवा जानकारियां दी। उन्होंने कहा कि युवा, किसान व स्वयं सहायता समूह समिति की येाजनाओं का पूरा लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लाभार्थी बैंक ऋ़ण को समय से अदा करे इसके बाद उन्हें और बड़े से बड़ा ऋण दिया जा सकता है। सभी किसानों को समय से केसीसी कार्ड उपलब्ध कराये जाएंगे। साथ ही डेरी उत्पादन करने वालों का भी केसीसी कार्ड बनाएं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर नागरिक बैंक से जुड़े और बैंक की योजनाओं का लाभ उठाए।
इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु खुराना, एपीडी सुनील कुमार, डीपीआरओ एम.एम.खान, एलडीएम नन्द किशोर, बीडीओ द्वारीखाल आतिया, एकेश्वर सुमन लता, पाबौ प्रवीन भट्ट  सहित उत्तरांचल ग्रामीण बैंक के अधिकारी, विभिन्न स्वयं सहायता समूह के सदस्य मौजूद थे।


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